नवम स्वरूप, मां सिद्धिदात्री,इनकी उपासना से पाएं शक्तिशाली सिद्धियां
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नवरात्र में नवें दिन मां अम्बे के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है।मां सिद्धिदात्री की उपासना करने से भक्त गणों को सम्पूर्ण भाहमंद को विजय करने की शक्ति मिलती हैं तथा समस्त सिद्धियां प्राप्त होती हैं । सिद्धिदात्री भगवती के भक्त के भीतर कोई भी मनोकामना बचती ही नहीं है, जिसे वह पूर्ण करना चाहे। मां सिद्धिदात्री अपने भक्त पे इतनी कृपा बरसती है की वह सभी सांसारिक इच्छाओं, आवश्यकताओं और लोभ से ऊपर उठकर मानसिक रूप से अम्बे भगवती के दिव्य लोक में ऐसा खोता है की वह विषय-भोग-शून्य हो जाता है। उसे किसी भी वस्तु को पाने की लालसा नहीं बचती ।मां सिद्धिदात्री का का परम सान्निध्य ही उसका सर्वस्व हो जाता है तथा इस परम सुख की प्राप्ति के पश्चात उसे अन्य किसी भी वस्तु की आवश्यकता नहीं रह जाती। मां सिद्धिदात्री कमल के पुष्प पे विराजमान रहती है। मां भगवती की चार भुजाएं है।दाहिने तरफ के ऊपर वाले हाथ में चक्र है तथा दाहिने तरफ के नीचे वाले हाथ में गदा है।बाएं तरफ के ऊपर वाले हाथ में शंख तथा नीचे वाले हाथ में कमल का फूल है।माता का वाहन सिंह है। कथा के अनुसार मां...